आदिम जाति तथा अनुसूचित विकास विभाग द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के हितार्थ संचालित योजनाएं

सामाजिक एवं आर्थिक सहायता की योजनायें

1. आकस्मिकता योजनाएँ:
अनुसूचित जाति के लोगों को सवर्ण द्वारा उत्पीड़न, हत्या, बलात्कार, अपमानित करने शारीरिक आघात पहुंचाने, संपत्ति को हानि पहुंचाने आदि के मामलों में विभाग द्वारा पीडि़तों को तत्काल आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। विभिन्न प्रकरणों में राहत राशि की सीमा 15,000/- से 2,00,000/- तक है साथ ही उत्पीडि़त व्यक्ति एवं उनके परिवार को पेयजल, कृषि भूमि, बच्चों की शिक्षा सामाजिक पुनर्वास स्वरोजगार, विकलांगों को कृत्रिम अंग आदि हेतु सहायता उपलब्ध करायी जायेगी।

2. राहत योजना:
इस योजना के तहत साधन हीन कन्याओं के विवाह हेतु रूपये 1500/- एवं ऐसी कन्या जिनके माँ बाप न हो उनके विवाह हेतु 3,000/- की आर्थिक सहायता की जाती है साथ ही आकस्मिक दुर्घटना अति संकटापन्न स्थिति में प्रकरण की परिस्थिति के अनुरूप अधिकतम रूपये 2000/- तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

3. अन्तर्जातीय विवाह:
किसी सवर्ण युवक/युवती का अनुसूचित जाति के युवक/युवती से विवाह करने पर ऐसे आदर्श प्रस्तुत करने वाले दम्पत्ति को रूपये 6,000/- नगद एवं प्रशस्ती पत्र से सम्मानित किये जाने का प्रावधान था, जिसे छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आदेश दिनांक 28.08.2009 द्वारा बढ़ाकर 25,000 रूपये किया गया है तथा दिनाॅक 06.07.2011 से वृद्धिकर 50,000 रूपये किया गया है।

4. सद्भावना शिविरों का आयोजनः
अस्पृश्यता निवारण की भावना से प्रचार-प्रसार लोगों के बीच सौहार्द पूर्ण वातावरण निर्माण के उद्देश्य से अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र के किसी एक ग्राम में प्रति वर्ष सद्भावना शिविर आयोजन किया जाता है, जिसमें वर्ण भेद रहित सामुहिक भोज, वाद-विवाद प्रतियोगिता संभाषण एवं शिक्षाप्रद चित्रपट आदि प्रदर्शन का कार्यक्रम किया जाता है।

5. स्वरोजगार मूलक वित्तीय सहायता योजना:
आदिवासी वित्त एवं विकास निगम अन्त्यवसायी सहकारी समिति तथा पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक वित्त विकास निगम द्वारा आरक्षित वर्ग के लोगों को निम्नांकित व्यवसाय हेतु ऋण एंव अनुदान प्रदान किया जाता है।

6. अनुसूचित जातियों के लिए ऋण एवं अनुदान:
गरीबी रेखा या दुगुनी गरीबी रेखा के अन्तर्गत आने वाले बेरोजगारों को ट्रेक्टर, ट्राली, आटो रिक्शा, टेन्ट हाऊस, बैण्ड पार्टी, ब्युटी पार्लर, जूता-चप्पल दुकान, सुअर पालन, डी.टी.पी. (कम्प्यूटर) आदि के लिये लागत राशि का 80ः ऋण तथा नाबार्ड योजना के तहत 6,000/- की अधिकतम सीमा तक अनुदान दिया जाता है।

7. लोक मित्र (नाई पेटी) योजना:
इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में परंपरागत बाल काटने के व्यवसाय में लगे लोगों को प्रोत्साहित कर स्थानीय स्तर पर रोजगार सुनिश्चित कर शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन रोकना, इसके तहत पेटी एवं बाल कटिंग संबंधित आवश्यक औजार एवं अन्य सामाग्रियां चयनित हितग्राहियों को निःशुल्क प्रदान करने का प्रावधान है।

8. डां बी.आर. अम्बेडकर जयंती योजना:
भारत रत्न डां बी.आर. अम्बेडकर जयंती दिनांक 14 अप्रैल के दिन पूरे राज्य में प्रेरणास्पद कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।

9. रविदास चर्मशिल्प योजना:
प्रदेश के चर्म सिलाई के व्यवसाय में लगे लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान के दृष्टि से वर्ष 2008-09 में रविदास चर्मशिल्प योजना प्रारंभ की गई है। इसके तहत अनुसूचित जाति के हितग्राहियों को मोची पेटी औजार निःशुल्क प्रदान की जाती है।