दिशा-निर्देश

छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति आयोग - रायपुर
अभ्योदन/अपील बाबत् दिशा निर्देश

छ0ग0 राज्य अनुसूचित जाति आयोग की धारा 9(1) एवं 10(1) के तहत आयोग को सिविल न्यालय की शक्तियां प्रदान किया गई है, जिसके कारण आयोग की कार्य प्रणाली माननीय न्यायलय की कार्य प्रणाली के अनुरूप जांच,सुनवाई, स्थल निरीक्षण आदि की कार्यवाही प्रकरण की शिकायत/आवेइन की गम्भीरता के आधार पर तय करते हुए विशि सम्मत कार्यवाही निम्नाकित दो रूपो में तय किये जावेंगे।
1. आयोग में प्राप्त शिकायत की गंभीरता के अनुरूप स्थापना विषय के अतरिक्त शिकायत /अभ्यावेदन पर
    संबंधित विभाग एवं व्यक्ति को सिधे या राजस्व व पुलिस अधिकारी के माध्यम से जांच/निरीक्षण कराने की
    कार्यवाही की जावेगी। किन्तु प्रकण पर आयोग सीधे जांच व सुनवाई नही करेगी।
2. आयोग अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए उसी प्रकरण जांच व सुनवाई की कार्यवाही करेगा जिसमे आवेदक/
    आवेदकगण द्वारा आवेदक/आवेदकगण के विरूध, आराप/प्रत्यारोप लगाते हुए कम से कम 10/- रूपये तक के
    स्टाप पेपर में शपथ पत्र देते हुए जाति प्रमाण प्रस्तुत करते हुए अपील करेंगे (प्रारूप क)

इसके अतिरिक्त सामान्य प्रकृति के पृष्ठांकन के माध्यम से प्राप्त पत्राचारों पर आयोग निम्न प्रक्रिया अपनायेगी -

1. आयोग सामान्य कार्यालय की तरह कार्यवाही करनें के लिए बाध्य नही होगी अनावेदक के द्वारा स्वयं या संघ
    के माध्यम से केन्द्र/राज्य सरकार के माननीय राष्ट्रपति/राज्यपाल/मंत्रीगण/प्रशासनिक अधिकारी को पत्र
    लिखते हुए आयोग को पृष्ठांकन प्रतिलिपि दिया गया हो तो जांच/सुनवायी की कार्यवाही नहीं किया जावेगा।
             अतः आयोग से कार्यवाही चाहने वाले आवेदकगण स्वयं/प्रतिनिधि/अधिवक्तागण द्वारा आयोग के समक्ष उपस्थित होकर विधिसम्मत अपिल करनी होगी एवं जांच के समय आयोग के समक्ष जाति प्रमाण पत्र दस्तावेज की मूल/सत्यापित प्रति मे गवाह प्रस्तुत करने होगें तभी उक्त प्रकरण मे जांच एवं सुनवायी की कार्यवाही की जावेगी अन्यथा प्रकरण खारीज योग्य माना जावेगा। आम कार्यालय की तरह प्रषित औपचारिकता की तरह पृष्ठांकन प्रतिलिपि सूचक आवेदन स्वीकार योग्य नहीं मानी जावेगी।

सचिव